प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (PM- JANMAN)
- December 20, 2023
- Posted by: Akarias
- Category: Blog Daily Current Affairs
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प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (PM- JANMAN): आदिवासी समुदायों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा। #PMJANMAN आदिवासी सशक्तिकरण की ओर एक क्रांतिकारी कदम है। पीएम जनमन आदिवासियों का सशक्तिकरण, समृद्ध भारत का निर्माण
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) को मंजूरी दे दी है, जो विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से एक व्यापक पहल है। सरकार ने 29 नवंबर 2023 को 24,104 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) को मंजूरी दे दी।
घोषणा एवं आवंटन
प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर खूंटी, झारखंड से इस अभियान की घोषणा की थी।
पीएम जनमन योजना के लिए 24,104 करोड़ रुपये के कुल व्यय में केंद्रीय हिस्सेदारी 15,336 करोड़ रुपये और राज्य की हिस्सेदारी 8,768 करोड़ रुपये निर्धारित है।
विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों पर ध्यान
विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन आरंभ किया जाएगा। इसके बारे में बजट भाषण 2023-24 में घोषणा की गई थी।
यह पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुँच, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा।
अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत अगले तीन वर्षों में मिशन को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रमुख हस्तक्षेप और शामिल मंत्रालय
इन पीवीटीजी को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
पीएम-जनमन योजना (केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाओं को मिलाकर) जनजातीय मामलों के मंत्रालय सहित 9 मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान दे रही है।
इसके अतिरिक्त आयुष मंत्रालय, मौजूदा मानदंडों के अनुसार आयुष कल्याण केंद्र स्थापित करेगा और मोबाइल चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से पीवीटीजी बस्तियों तक आयुष सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, इन समुदायों के उपयुक्त कौशल के अनुसार पीवीटीजी बस्तियों, बहुउद्देशीय केंद्रों और छात्रावासों में कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करेगा।
भारत में अनुसूचित जनजाति
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ थी, जिसमें से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
वर्तमान में देश में कुल 75 कमजोर जनजातीय समूह हैं, जो 220 जिलों के 22544 गांवों में निवास करते है। इनकी कुल आबादी लगभग 28 लाख है।