भारतीय कृषि के विकास में संस्थागत अवरोध सुधार विकास का इंजन है, जिसके बिना कोई भी ईंधन (पैसा) चीजों को आगे नहीं बढ़ा सकता। चूँकि भारत एक ” कृषि प्रधान देश ” है, जहाँ 60% से अधिक कार्यबल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस कृषि क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, समावेशी विकास के लिए कृषि में सुधार भारत में नीति निर्माण के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है।
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भारतीय कृषि की समस्याओं का वर्णन
1. सिंचाई के लिए पानी की कमी:-
भारत में जिस तरह की फसलें बोई जाती है उनके के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन खरीफ में अनियमित बारिश की समस्या हो या रबी फसलों के लिए पानी की कमी की समस्या हो, किसानों को हर वक्त पानी की कमी को सहना पड़ता है।
आज के दौर में जहां जलवायु परिवर्तन का खतरा मंडरा रहा है, भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है ये समस्या भयानक होने की तरफ बढ़ रही है।
- भारतीय कृषि की समस्या से जूझने के लिए:
– जल संरक्षण के लिए सजगता को बढ़ाना चाहिए
– जैविक खेती को बढ़ावा देना होगा
– जल संरक्षण तकनीकों का उपयोग करना होगा
इसके साथ-साथ, सिंचाई प्रणाली का आधुनिकरण, नदी जल संचित, और बांधो का निर्माण भी करना होगा जिससे वर्षा जल को संचयित किया जा सके और भविष्य में इस जल का उपयोग किया जा सके।
2. छोटी और बिखरी हुई भूमि:-
आज भारतीय कृषि की समस्याएं यही है किसानों के सबसे बड़े हिस्से के पास सबसे कम जमीन है। भारत में लघु व सीमांत किसान 86% है लेकिन उनके अधिकार में 50% से भी कम भूमि है। भूमि के असमान वितरण और छोटे किसानों की अधिक संख्या एक ऐसी समस्या है जिसका जवाब ढूंढना बहुत कठिन है। हाँ, पर अगर किसान एक साथ मिलकर सामूहिक रूप से बड़ी भूमि पर वैज्ञानिक तरह से खेती करें तो इसका भी समाधान हो सकता है।
तकनीकी ज्ञान, फसल संरक्षण, प्रगतिशील खेती तकनीक, उपयोगकर्ता बायोलॉजिकल उत्पादों का प्रचार और उनकी उपयोगिता को संवारना कुछ ऐसे उपाय है जिनकी वजह से किसान कम जमीन पर भी उच्च स्तर की खेती कर सकते है। किसानों के लिए वित्तीय सहायता और लोन की पहुंच को बढ़ावा देना भी ज़रूरी है।
3. कृषि के प्रति नई पीढ़ी में रुचि का अभाव:-
भारतीय किसानो पर किए कई सर्वे में यह सामने आया है कि 50% किसान अपने बच्चों को किसानी नहीं करवाना चाहते। साथ ही, नई पीढ़ी में खेती के प्रति कम रूचि है। हालाँकि, आज भी कृषि से देश का 49% रोजगार उपलब्ध होता है पर आने वाले समय में यह बड़ी समस्या हो सकती है।
कृषि मशीनीकरण को इसके समाधान के तौर पर देखा जा सकता है। साथ ही पढ़ी-लिखी नई पीढ़ी की जैविक खेती में रुचि और उनके वैज्ञानिक तरह से कृषि का लाभ उठाने वाले किस्से नई आस जगाते हैं।
4. मृदा अपरदन:-
मृदा अपरदन को रोकने की लिए किसान भाई कृषि भूमि का उपयोग प्रबंधित और सुसंगत तरीके से कर सकते है। जैविक खेती मृदा स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। इसमें केवल प्राकृतिक खाद्य का उपयोग, जैविक उत्पादों का प्रयोग, और मिट्टी में जीवात्मक संघर्ष को बढ़ावा देना शामिल होता है। इसके साथ ही हम अपने किसान भाइयों को मृदा स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए सही समय पर सही खेती प्रथाएं अपनाने का सुझाव देते है।
5. सरकारी योजनाओं का असफल क्रियान्वयन:-
सरकारें कई योजनाएं बनाती हैं पर उनका पूरा लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पाता। पहले तो किसानों में योजनाओं के प्रति जागरूकता की कमी है अगर जागरूकता हो भी तो सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार और कागज़ी झंझटो का सामना करना पड़ता है। समस्या गंभीर है पर जैसे जैसे किसान शिक्षित होते जाएंगे और सरकारी संस्थाओं का डिजिटलाइजेशन होगा इस समस्या का भी समाधान हो जाएगा। इसके साथ ही, हमें लगता है कि भारत सरकार को समय-समय पर जागरूकता अभियान चलने चाहिए।
कृषि संबंधित अनुसंधान केन्द्र, राष्ट्रीय ब्यूरो एवं निदेशालय/परियोजना निदेशालय
समतुल्य विश्वविद्यालय
- 1.भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली
- 2.राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल
- 3.भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर
- 4.केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई
संस्थान
- 1.केन्द्रीय धान अनुसंधान संस्थान, कटक
- 2.विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा
- 3.भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर
- 4.केन्द्रीय तम्बाकू अनुसंधान संस्थान, राजामुंद्री
- 5.भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ
- 6.गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर
- 7.केन्द्रीय कपास संस्थान, नागपुर
- 8.केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध रेशे अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर
- 9.भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी
- 10. भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलोर
- 11. केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ
- 12. केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान, श्रीनगर
- 13. केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर
- 14. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी
- 15. केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला
- 16. केन्द्रीय कंदी फसलें अनुसंधान संस्थान, त्रिवेन्द्रम
- 17. केन्द्रीय रोपण फसलें अनुसंधान संस्थान, कासरगोड
- 18. केन्द्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेअर
- 19. भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान, कालीकट
- 20. केन्द्रीय मृदा और जल संरक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून
- 21. भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल
- 22. केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, करनाल
- 23. पूर्वी क्षेत्र के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, मखाना केन्द्र सहित, पटना
- 24. केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद
- 25. केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर
- 26. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, गोवा
- 27. पूर्वोत्तर पहाड़ी क्षेत्रों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, बारापानी
- 28. राष्ट्रीय अजैविक दबाव प्रबन्धन संस्थान, मालेगांव, महाराष्ट्र
- 29. केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल
- 30. केन्द्रीय कटाई उपरांत अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना
- 31. भारतीय प्राकृतिक रेज़िन और गोंद संस्थान, रांची
- 32. केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई
- 33. राष्ट्रीय जूट एवं संबद्ध रेशे प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, कोलकाता
- 34. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली
- 35. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदुम
- 36. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार
- 37. राष्ट्रीय पशु पोषण और कायिकी संस्थान, बेंगलौर
- 38. केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर
- 39. केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, कोच्चि
- 40. केन्द्रीय खारा जल जीवपालन अनुसंधान संस्थान, चैन्नई
- 41. केन्द्रीय अंतः स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर
- 42. केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि
- 43. केन्द्रीय ताजा जल जीव पालन संस्थान, भुवनेश्वर
- 44. राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान एवं प्रबन्धन अकादमी, हैदराबाद
राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र
- 1.राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्यौगिकी अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली
- 2.राष्ट्रीय समन्वित कीट प्रबन्धन केन्द्र, नई दिल्ली
- 3.राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुजफ्फरपुर
- 4.राष्ट्रीय नीबू वर्गीय अनुसंधान केन्द्र, नागपुर
- 5.राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केन्द्र, पुणे
- 6.राष्ट्रीय केला अनुसंधान केन्द्र, त्रिची
- 7.राष्ट्रीय बीज मसाला अनुसंधान केन्द्र, अजमेर
- 8.राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केन्द्र, शोलापुर
- 9.राष्ट्रीय आर्किड अनुसंधान केन्द्र, पेकयांग, सिक्किम
- 10. राष्ट्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान केन्द्र, झांसी
- 11. राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर
- 12. राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार
- 13. राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केन्द्र, हैदराबाद
- 14. राष्ट्रीय शूकर अनुसंधान केन्द्र, गुवाहाटी
- 15. राष्ट्रीय याक अनुसंधान केन्द्र, वेस्ट केमंग
- 16. राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, मेदजीफेमा, नगालैंड
- 17. राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली
राष्ट्रीय ब्यूरो
- 1.राष्ट्रीय पादप आनुवंशिकी ब्यूरो, नई दिल्ली
- 2.राष्ट्रीय कृषि के लिए महत्वपूर्ण सूक्ष्म जीव ब्यूरो, मऊ, उत्तर प्रदेश
- 3.राष्ट्रीय कृषि के लिए उपयोगी कीट ब्यूरो, बेंगलौर
- 4.राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नागपुर
- 5.राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो, करनाल
- 6.राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो, लखनऊ
निदेशालय/प्रायोजना निदेशालय
- 1.मक्का अनुसंधान निदेशालय, नई दिल्ली
- 2.धान अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद
- 3.गेहूँ अनुसंधान निदेशालय, करनाल
- 4.तिलहन अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद
- 5.बीज अनुसंधान निदेशालय, मऊ
- 6.ज्वार अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद
- 7.मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़
- 8.सोयाबीन अनुसंधान निदेशालय, इंदौर
- 9.तोरिया और सरसों अनुसंधान निदेशालय, भरतपुर
- 10. मशरूम अनुसंधान निदेशालय, सोलन
- 11. प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय, पुणे
- 12. काजू अनुसंधान निदेशालय, पुत्तुर
- 13. तेलताड़ अनुसंधान निदेशालय, पेडावेगी, पश्चिम गोदावरी
- 14. औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय, आण्द
- 15. पुष्पोत्पादन अनुसंधान निदेशालय, नई दिल्ली
- 16. कृषि पद्धतियां अनुसंधान प्रयोजना निदेशालय, मोदीपुरम
- 17. जल प्रबन्धन अनुसंधान निदेशालय, भुवनेश्वर
- 18. खरपतवार विज्ञान अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर
- 19. गोपशु प्रायोजना निदेशालय, मेरठ
- 20. खुर एवं मुंहपका रोग प्रायोजना निदेशालय, मुक्तेश्वर
- 21. कुक्कुट पालन प्रायोजना निदेशालय, हैदराबाद
- 22. पशु रोग निगरानी एवं जीवितता प्रयोजना निदेशालय, हैब्बल, बेंगलूर
- 23. कृषि सूचना एवं प्रकाशन निदेशालय (दीपा), नई दिल्ली
- 24. शीत जल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय, भीमताल, नैनीताल
- 25. कृषक महिला अनुसंधान निदेशालय, भुवनेश्वर