वैश्विक DPI शिखर सम्मेलन
- June 14, 2023
- Posted by: Akarias
- Category: Blog
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चर्चा में क्यों? DPI
G20 डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप (DEWG) की तीसरी बैठक पुणे, महाराष्ट्र में ग्लोबल डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure- DPI) शिखर सम्मेलन और प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ शुरू हुई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!- सत्र में DPI के सामान्य सिद्धांतों और डिज़ाइन पहलुओं पर विचार किया गया, जिसमें पारदर्शी मानक, साझेदारी, अंतर-क्षमता और सामर्थ्य शामिल हैं।
- भारत ने वन फ्यूचर अलायंस नामक देशों का एक गठबंधन बनाने का भी प्रस्ताव रखा, जो समान विचारधारा वाले देशों को लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की अनुमति देगा।
शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:
- DPI एडवांसमेंट के लिये चरण निर्धारित करना:
- सफल DPI कार्यान्वयन और डिजिटल परिवर्तन के लिये एक परीक्षण मामले के रूप में भारत की भूमिका को रेखांकित किया गया।
- भारत ने इंडिया स्टैक के माध्यम से बड़े पैमाने पर कार्यान्वित अपने सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने के लिये आर्मेनिया, सिएरा लियोन और सूरीनाम के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये।
- लोगों को सशक्त बनाने हेतु डिजिटल पहचान:
- यह सत्र राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और सामाजिक सामंजस्य की नींव के रूप में डिजिटल पहचान की भूमिका पर केंद्रित था।
- इस सत्र में कार्यान्वयन के विभिन्न मॉडलों जैसे केंद्रीकृत, संघीकृत और विकेंद्रीकृत पर चर्चा की गई।
- उल्लेखनीय उदाहरणों के रूप में भारत के आधार (Aadhaar) और फिलीपींस फिलसिस (PhilSys) को रेखांकित किया गया था।
- डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन:
- इस सत्र में तेज़ और समावेशी डिजिटल भुगतान की सुविधा के लिये DPI की भूमिका का उल्लेख किया गया।
- इस चर्चा में निपटान के प्रकार, जोखिम प्रबंधन, उपयोगकर्त्ता ऑनबोर्डिंग लागत और DPI के माध्यम से वित्तीय विभाजन को शामिल करना था।
- न्यायिक प्रणालियों और विनियमों के लिये डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI):
- इस सत्र में न्यायिक प्रणालियों में DPI के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई।
- इस सत्र में कवर किये गए विषयों में ई-कोर्ट प्रणाली, ई-फाइलिंग, पेपरलेस कोर्ट, लाइव स्ट्रीमिंग और DPI संचालित न्यायपालिका प्रणाली में विश्वास जगाने के लिये उपयुक्त संस्थानों एवं विनियमों की आवश्यकता शामिल है।
- PKI म्यूचुअल रिकॉग्निशन फ्रेमवर्क का प्रारूप:
- पब्लिक की इन्फ्रास्ट्रक्चर (PKI) म्यूचुअल रिकॉग्निशन फ्रेमवर्क के प्रारूप को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा देश की सीमाओं से परे भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) के कार्यान्वयन तथा इसे अपनाने के विषय पर नेतृत्त्व करने के उद्देश्य से जारी किया गया है।
वन फ्यूचर गठबंधन:
- यह लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिये समान विचारधारा वाले देशों का गठबंधन है। इसका उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक एवं सतत् विकास के संचालन में एक समान विचारधारा वाले देशों को सहयोग करने तथा प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सक्षम बनाना है।
- यह गठबंधन पहले से उपलब्ध ओपन-सोर्स कस्टमाइज़ेबल स्टैक पर निर्माण करना चाहता है तथा देशों को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के लिये समाधानों के नवीनीकरण और अनुकूलित करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
- यह गठबंधन साइबर सुरक्षा और डिजिटल स्किलिंग सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करते हुए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) को लागू करने तथा बढ़ावा देने का प्रयास करता है। यह प्रौद्योगिकी की गतिशील प्रकृति, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता और बहुभाषावाद की शक्ति को स्वीकार करता है।
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डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर:
- डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) से तात्पर्य डिजिटल पहचान, भुगतान अवसंरचना और डेटा विनिमय समाधान जैसे प्लेटफाॅर्म से है जो देशों को अपने लोगों को आवश्यक सेवाएँ प्रदान करने, नागरिकों को सशक्त बनाने तथा डिजिटल समावेशन को सक्षम कर जीवन में सुधार करने में मदद करता है।
- DPIs लोगों, धन और सूचना के प्रवाह में मध्यस्थता करता है। पहले एक डिजिटल ID प्रणाली के माध्यम से लोगों का प्रवाह। दूसरा रियल-टाइम त्वरित भुगतान प्रणाली के माध्यम से धन का प्रवाह और तीसरा DPI के लाभों को प्राप्त करने एवं डेटा को नियंत्रित करने की वास्तविक क्षमता के साथ नागरिकों को सशक्त बनाने के लिये सहमति आधारित डेटा साझाकरण प्रणाली के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी का प्रवाह।
- ये तीन सेट एक प्रभावी DPI पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के आधार हैं।
- प्रत्येक DPI स्तर एक स्पष्ट आवश्यकता को पूरा करती है और विभिन्न क्षेत्रों में लिये बहुत उपयोगी है।
- इंडिया स्टैक के माध्यम से सभी तीन मूलभूत DPI- डिजिटल पहचान (आधार), रीयल-टाइम फास्ट पेमेंट (UPI) और डेटा एम्पावरमेंट प्रोटेक्शन आर्किटेक्चर (DEPA) पर निर्मित अकाउंट एग्रीगेटर विकसित करने वाला भारत पहला देश बन गया।
- DEPA एक डिजिटल ढाँचा का निर्माण करता है जो उपयोगकर्त्ताओं को तृतीय-पक्ष इकाई के माध्यम से अपने डेटा को शर्तों पर साझा करने की अनुमति देता है, जिन्हें कंसेंट मैनेजर के रूप में जाना जाता है।