भारत न्यूजीलैंड संबंध
- June 13, 2023
- Posted by: Akarias
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच उद्योग और उद्योग संघों की पहली गोलमेज संयुक्त बैठक नई दिल्ली में संपन्न हुई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!- इस बैठक की सह-अध्यक्षता वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव और न्यूज़ीलैंड के उच्चायुक्त ने की।
प्रमुख बिंदु भारत न्यूजीलैंड
- भारत और न्यूज़ीलैंड ने दोनों देशों की साझेदारी में अपार संभावनाएँ तथा पारस्परिक हित के क्षेत्रों में आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने हेतु सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।
- साथ ही मुक्त व्यापार समझौते से परे कार्य करने और ऐसे अन्य क्षेत्रों का पता लगाने की आवश्यकता बल दिया जहाँ दोनों एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।
- यह चर्चा वर्ष 1986 के द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत गठित संयुक्त व्यापार समिति (Joint Trade Committee- JTC) के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने पर केंद्रित थी।
- न्यूज़ीलैंड ने निजी क्षेत्रों के साथ व्यापार और सहयोग को सुविधाजनक बनाने पर ज़ोर दिया, जिसमें कुछ प्रमुख क्षेत्रों में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) प्रणाली को बढ़ावा देना, कार्बन क्रेडिट सहयोग एवं दोनों पक्षों के व्यवसायों को द्विपक्षीय लाभ हेतु गैर-टैरिफ उपायों पर अनुरोध जैसे मुद्दों पर काम करना शामिल है।
- दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया गया।
न्यूज़ीलैंड के साथ भारत के संबंध: भारत न्यूजीलैंड
- ऐतिहासिक संबंध: भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। ये संबंध 1800 के दशक से हैं, जब भारतीय 1850 के दशक में क्राइस्टचर्च में बसे थे।
- 1890 के दशक में पंजाब और गुजरात से बड़ी संख्या में अप्रवासी न्यूज़ीलैंड आए। वर्ष 1915 में गैलीपोली में एंज़ैक के साथ भारतीय सैनिकों ने लड़ाई लड़ी थी।
- राजनीतिक संबंध: भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच सौहार्दपूर्ण एवं मैत्रीपूर्ण संबंध हैं जो राष्ट्रमंडल, संसदीय लोकतंत्र तथा अंग्रेज़ी भाषा के संदर्भ में निहित हैं।
- दोनों देश एक ही वर्ष में स्वतंत्र हुए और भारत का राजनयिक प्रतिनिधित्व वर्ष 1950 में एक व्यापार आयोग के उद्घाटन के साथ स्थापित किया गया, जिसे बाद में उच्चायोग के रूप में अद्यतन किया गया।
- दोनों देश निरस्त्रीकरण, वैश्विक शांति, उत्तर-दक्षिण वार्ता, मानवाधिकार, पारिस्थितिक संरक्षण और अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता में विश्वास रखते हैं।
- न्यूज़ीलैंड ने अक्तूबर 2011 में अधिसूचित अपनी “ओपनिंग डोर टू इंडिया” नीति में भारत को एक प्राथमिकता वाले देश के रूप में चिह्नित किया, जिसकी पुनःपुष्टि वर्ष 2015 में की गई थी।
- कोविड-19 महामारी के दौरान सहयोग: दोनों देशों ने महामारी के दौरान आवश्यक वस्तुओं, दवाओं और टीकों की आपूर्ति शृंखला की निरंतरता सुनिश्चित करके महामारी के खिलाफ लड़ाई में द्विपक्षीय रूप से बड़े पैमाने पर सहयोग किया।
- भारत और न्यूज़ीलैंड ने कोविड-19 के मद्देनज़र इन देशों में फँसे एक-दूसरे के नागरिकों को वापस लाने में भी मदद की।
- व्यापार संबंध: भारत सितंबर 2020 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में कुल 1.80 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के दो-तरफा व्यापार के साथ न्यूज़ीलैंड का 11वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- भारत के साथ-साथ शिक्षा और पर्यटन भी न्यूज़ीलैंड के विकास क्षेत्र हैं।
- न्यूज़ीलैंड में सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के रूप में भारतीय छात्र ( महामारी पूर्व समय में 15000) दूसरे स्थान पर आते हैं।
- भारत मुख्य रूप से न्यूज़ीलैंड से वानिकी उत्पादों, लकड़ी की लुगदी, ऊन तथा खाद्य फल एवं मेवे का आयात करता है। भारत द्वारा न्यूज़ीलैंड को ज़्यादातर फार्मास्यूटिकल्स/दवाएँ, कीमती धातु और रत्न, कपड़ा तथा मोटर वाहन एवं गैर-बुने हुए परिधान व सहायक उपकरणों का निर्यात किया जाता है।
- भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है।
- व्यापारिक गठबंधन: भारत-न्यूज़ीलैंड व्यापार परिषद (INZBC) और भारत न्यूज़ीलैंड व्यापार गठबंधन (INZTA) वे दो प्रमुख संगठन हैं जो भारत-न्यूज़ीलैंड व्यापार तथा निवेश संबंधों को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं।
- सांस्कृतिक संबंध: दीपावली, होली, रक्षाबंधन, बैसाखी, गुरुपर्व, ओणम, पोंगल, आदि सहित सभी भारतीय त्योहार पूरे न्यूज़ीलैंड में बहुत उत्साह के साथ मनाए जाते हैं।
- न्यूज़ीलैंड में भारतीय मूल के लगभग 2,50,000 व्यक्ति और NRI हैं, जिनमें से अधिकांश ने न्यूज़ीलैंड को अपना स्थायी निवास बना लिया है।
- नागरिक उड्डयन सहयोग: न्यूज़ीलैंड में बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय और दो-तरफा पर्यटन प्रवाह को देखते हुए दोनों देशों के बीच सीधा हवाई संपर्क द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं के लिये एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
- वंदे भारत मिशन के तहत दोनों देशों के बीच संचालित सीधी उड़ानों ने एयरलाइन्स के लिये व्यावसायिक रूप से सीधी साप्ताहिक उड़ान की संभावनाओं को सुदृढ़ किया है।