रश्त-अस्तारा रेलवे एवं INSTC
- May 19, 2023
- Posted by: Akarias
- Category: Blog
No Comments
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रूस और ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (International North–South Transport Corridor- INSTC) के हिस्से के रूप में ईरानी रेलवे लाइन रश्त-अस्तारा रेलवे के निर्माण हेतु समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!- रश्त-अस्तारा रेलवे को गलियारे में महत्त्वपूर्ण कड़ी माना जाता है, जिसका उद्देश्य रूस, ईरान, अज़रबैजान, भारत और अन्य देशों को रेल एवं जल मार्ग से जोड़ना है। रूस के अनुसार, यह मार्ग स्वेज़ नहर के साथ महत्त्वपूर्ण वैश्विक आर्थिक मार्ग के रूप में प्रतिस्पर्द्धा कर सकता है।
रश्त-अस्तारा रेलवे:
- यह 162 किलोमीटर का रेलवे मार्ग है जो कैस्पियन सागर के पास रश्त (ईरान) शहर को अज़रबैजान की सीमा पर अस्तारा (अज़रबैजान) से जोड़ेगा। इसके कारण यात्रा समय-सीमा में पूर्व की तुलना में चार दिन का कम समय लगेगा।
- रश्त-अस्तारा रेलवे विशेष उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा/कॉरिडोर का एक घटक होगा, जो विश्व के ट्रैफिक प्रतिरूप में काफी विविधता लाएगा। नए कॉरिडोर के साथ यात्रा करने से लागत एवं समय की काफी बचत होगी, जो नई लॉजिस्टिक चेन के निर्माण में भी योगदान देगा।
- यह रेलवे कैस्पियन सागर तट के साथ बाल्टिक सागर पर रूसी बंदरगाहों को हिंद महासागर एवं खाड़ी में ईरानी बंदरगाहों से जोड़ने में मदद करेगा।
अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा:
- परिचय:
- यह 7,200 किलोमीटर का मल्टी-मोड ट्रांज़िट सिस्टम है जो भारत, ईरान, अज़रबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच कार्गो ले जाने के लिये नौवहन, रेलवे और सड़क मार्गों को जोड़ता है।
- इसे सदस्य देशों के बीच परिवहन सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ईरान, रूस और भारत द्वारा सेंट पीटर्सबर्ग में 12 सितंबर, 2000 को शुरू किया गया था।
- तब से INSTC सदस्यता का विस्तार 10 और देशों- अज़रबैजान, आर्मेनिया, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, यूक्रेन, सीरिया, बेलारूस और ओमान को शामिल करने के लिये किया गया है।
- बुल्गारिया को एक पर्यवेक्षक राज्य के रूप में शामिल किया गया है। लातविया और एस्टोनिया जैसे बाल्टिक देशों ने भी इसमें शामिल होने की इच्छा जताई है।
-
मार्ग और साधन:
- केंद्रीय गलियारा: यह मुंबई में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह से शुरू होता है और होर्मुज़ जलडमरूमध्य पर बंदर अब्बास बंदरगाह (ईरान) से जुड़ता है। इसके बाद यह नौशहर, अमीराबाद और बंदर-ए-अंज़ाली के माध्यम से ईरानी क्षेत्र से गुज़रता है, रूस में ओयला और अस्त्रखान बंदरगाहों तक पहुँचने के लिये कैस्पियन सागर से होकर गुज़रता है।
- पश्चिमी गलियारा: यह अज़रबैजान के रेलवे नेटवर्क को समुद्री मार्ग से ईरान के अस्तारा (अज़रबैजान) एवं अस्तारा (ईरान) के क्रॉस-बॉर्डर नोडल बिंदुओं तथा भारत में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह से जोड़ता है।
- पूर्वी गलियारा: यह कज़ाखस्तान, उज़्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के मध्य एशियाई देशों के माध्यम से रूस को भारत से जोड़ता है।
भारत के लिये INSTC का महत्त्व:
- वैकल्पिक मार्ग:
- भारत के लिये INSTC, मध्य एशिया से जुड़ने का एक वैकल्पिक साधन है, जो हाइड्रोकार्बन में समृद्ध है और जिसका सामरिक महत्त्व है।
- यह पाकिस्तान के माध्यम से सीधी पहुँच वाले मार्ग में आने वाली बाधाओं को देखते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशिया के बीच व्यापार के लिये एक स्थायी वैकल्पिक मार्ग बनाता है।
- चीन और पाकिस्तान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC)तथा ग्वादर बंदरगाह के माध्यम से अपने आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधों को मज़बूत करने के लिये काम कर रहे हैं, दोनों ही चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हिस्सा हैं।
- समय और माल ढुलाई लागत को कम करना:
- INSTC में समुद्री मार्ग, रेल संपर्क और सड़क संपर्क शामिल हैं, जो भारत के मुंबई शहर को रूस में सेंट पीटर्सबर्ग से जोड़ता है, यह चाबहार से होकर गुज़रता है।
- INSTC से पारगमन समय 40% तक कम होने का अनुमान है और इससे परिवहन में लगने वाली अवधि 45-60 दिनों से घटकर 25-30 दिन हो जाएगी इसके अतिरिक्त स्वेज नहर मार्ग की तुलना में माल ढुलाई लागत में 30% की कमी आने की उम्मीद है।
- चाबहार बंदरगाह:
- भारत ने सिस्तान-बलूचिस्तान के ईरानी प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह में निवेश किया है और INSTC के लिये एक अंतर-सरकारी समझौते पर भी हस्ताक्षर किये हैं।
- चाबहार बंदरगाह को मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार करने हेतु भारत, ईरान और अफगानिस्तान के लिये सुनहरे अवसरों का द्वार माना जाता है।
- चाबहार ओमान की खाड़ी पर दक्षिण-पश्चिमी ईरान में एक बंदरगाह है। यह समुद्र तक सीधी पहुँच वाला ईरान का एकमात्र बंदरगाह है। यह ईरान के ऊर्जा संपन्न सिस्तान-बलूचिस्तान क्षेत्र के दक्षिणी तट पर स्थित है।
- स्वेज़ नहर का विकल्प:
- स्वेज़ नहर जिसके वर्ष 2021 में बाधित होने के कारण विश्व वाणिज्य का 12% और प्रतिदिन 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापार का नुकसान हुआ, अतः INSTC का अधिक किफायती एवं समयबद्ध मल्टीमॉडल ट्रांज़िट मार्ग के रूप में महत्त्व है।
- बाल्टिक से जोड़ने की क्षमता:
- INSTC भारत को मध्य एशिया, रूस से जोड़ता है और इसमें बाल्टिक, नॉर्डिक तथा आर्कटिक क्षेत्रों तक विस्तार करने की क्षमता है।
- यह कनेक्टिविटी पहल इसके अंतर्निहित व्यावसायिक लाभों चलते इस क्षेत्र में परिवर्तनकारी विकास कर सकती है, जिससे न केवल पारगमन बल्कि मानवीय सहायता के साथ-साथ समग्र आर्थिक विकास भी हो सकता है।
- यूरेशिया भर में क्षेत्रीय आपूर्ति शृंखला निर्माण:
- यूरेशिया में विविध आपूर्ति शृंखलाओं का निर्माण निश्चित रूप से पूर्व के निर्माता और पश्चिम के उपभोक्ता के रूप में रूढ़िवादी दृष्टिकोण को बदल सकता है।