Rapid Fire (करेंट अफेयर्स)

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ‘गोद भराई’ समारोह

भारत के प्रधानमंत्री ने राजस्थान के दौसा में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को ‘गोद भराई’ समारोह के रूप में मनाने की नई पहल की सराहना की है। गर्भवती महिलाएँ इस उत्सव के लिये एकत्रित होती हैं, जहाँ उन्हें अपने बच्चों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने हेतु पोषण किट प्रदान की जाती है। अकेले राजस्थान में वर्ष 2022-23 में लगभग 3.5 लाख महिलाएँ इस योजना से लाभान्वित हुई हैं। ‘गोद भराई’ एक बच्चे के आसन्न आगमन का जश्न मनाने के लिये एक पारंपरिक भारतीय समारोह है, जिसे अक्सर गोद भराई कहा जाता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत में एक मातृत्व लाभ कार्यक्रम है, इसके तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को उनके स्वास्थ्य देखभाल एवं पोषण संबंधी ज़रूरतों के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह महिला तथा बाल विकास मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित एक केंद्र प्रायोजित योजना है।

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कोविड काल में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में ऑनलाइन करें आवेदन, आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश, ऑनलाइन फार्म भरने के लिए लाभार्थियों को ...

उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में जीवन: चुनौतियाँ और अनुकूलन

उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों के सामने अनूठी चुनौतियाँ और अनुकूलन परिस्थितियाँ होती हैं। समुद्र तल से 4,570 मीटर की ऊँचाई पर स्थित लद्दाख का करज़ोक गाँव भारत की सबसे ऊँची बस्ती है।

इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश में कौमिक गाँव भी 4,500 मीटर से अधिक ऊँचाई पर स्थित होने का दावा करता है। वैश्विक स्तर पर लगभग 6.4 मिलियन व्यक्ति, जो विश्व की जनसंख्या के लगभग 0.1% हैं, 4,000 मीटर से अधिक की ऊँचाई पर रहते हैं। इनमें से कई व्यक्तियों ने दक्षिण अमेरिका के एंडीज में स्थित उच्च ऊँचाई वाले मैदानों और एशिया में तिब्बत को दस सहस्राब्दी से अधिक समय तक अपना घर माना है। हालाँकि कम ऊँचाई पर रहने वाले लोग अकसर ठंड, कम वायुमंडलीय दबाव और ऊँचाई पर पाए जाने वाले ऑक्सीजन के स्तर में कमी से जूझते हैं। ऊँचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में जीवन वहाँ के निवासियों के लिये विचित्र चुनौतियाँ पेश करता है। आर्थिक विकास अक्सर सीमित अवसरों के कारण बाधित होता है, विशेषकर कृषि में सीढ़ीदार खेत और सिंचाई चुनौतियों की आवश्यकता के कारण। हालाँकि पशुधन चराई और खनन जैसी गतिविधियाँ आय के वैकल्पिक स्रोत प्रदान करती हैं। बढ़ा हुआ बेसल मेटाबॉलिक रेट और फेफड़ों की उच्च क्षमता सहित शारीरिक अनुकूलन, उच्च पहाड़ी क्षेत्रों के निवासियों को कम ऑक्सीजन वाले वातावरण में रहने की अनुमति देता है। उच्च पहाड़ी क्षेत्रों के मूल निवासी जैसे कि दक्षिण अमेरिका के क्वेशुआ लोग जो अपनी मज़बूत श्वास तंत्र के लिये जाने जाते है तथा अपने समकक्षों की तुलना में उच्च फोर्स्ड वाइटल कैपेसिटी (FVC) को प्रदर्शित करते हैं, समुद्र तल के करीब पले बड़े हैं। इन कठिनाइयों के बावजूद उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में रहने से समग्र स्वास्थ्य के लिये प्रतिपूरक लाभ प्राप्त हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि 70-74 आयु वर्ग के व्यक्तियों ने 120/80 के औसत रक्तचाप का प्रदर्शन किया जो कठिन परिस्थितियों का समग्र स्वास्थ्य पर संभावित सकारात्मक प्रभाव को उजागर करता है।

एकुवेरिन अभ्यास

भारतीय सेना और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के बीच 11 से 24 जून, 2023 तक चौबटिया, उत्तराखंड में होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास “एक्स एकुवेरिन” के 12वें संस्करण की शुरुआत हो गई है। इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के अनुसार काउंटर इंसर्जेंसी/आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में इंटरऑपरेबिलिटी/अंतरसंचालानीयता को बढ़ाना तथा संयुक्त मानवीय सहायता तथा आपदा राहत कार्यों को पूरा करना है। मालदीव, श्रीलंका के दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप समूह है। यह लगभग 1200 छोटे प्रवाल द्वीपों की एक शृंखला से बना हुआ है जो एटोल (Atolls) समूहों के रूप में व्यवस्थित हैं। मालदीव की राजधानी और सबसे बड़ा शहर माले है। यहाँ की अधिकांश आबादी इस्लाम का अनुसरण करती है। मालदीव की आधिकारिक भाषा धिवेही है। यहाँ अंग्रेज़ी, खासकर पर्यटन क्षेत्रों में, भी व्यापक रूप से बोली जाती है।