फुकुशिमा जल मुद्दा : फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से समुद्र में 1 मिलियन टन से अधिक जल छोड़ने की जापान की योजना ने पड़ोसी देशों के लिये चिंता उत्पन्न कर दी है, विशेष रूप से दक्षिण कोरिया के लिये। हालाँकि इसके बारे में दावा किया जाता है कि यह जल उपचारित है लेकिन संभावित रूप से रेडियोधर्मी है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!फुकुशिमा जल मुद्दा:
- परिचय:
- फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र को वर्ष 2011 में आए एक बड़े भूकंप और सुनामी के बाद बंद करना पड़ा था तथा इसके कारण पर्यावरण में बड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी सामग्री फैल गई थी।
- शुरुआत में इस घटना के कारण किसी की मौत की खबर नहीं मिली थी। हालाँकि इस भूकंप और सुनामी के कारण लगभग 18,000 लोगों की जान चली गई थी।
- जापान परमाणु ईंधन के लिये शीतल जल तथा क्षतिग्रस्त रिएक्टर इमारतों से रिसने वाले बारिश एवं भू-जल को बड़े टैंकों में संग्रहीत कर रहा है।
- मुद्दे से जुड़े हालिया विकास:
- जल को उन्नत तरल प्रसंस्करण प्रणाली (ALPS) का उपयोग करके शुद्ध किया जाता है, जो रेडियोधर्मी घटक ट्रिटियम, जिसे पृथक करना काफी कठिन होता है- एक हाइड्रोजन आइसोटोप है, को छोड़कर अधिकांश को फिल्टर किया जाता है।
- जापान का कहना है कि उसके पास जल के संग्रहण के लिये कोई जगह नहीं है और वह इसे समुद्र में छोड़ देता है।
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) जापान को जल छोड़ने में सहायता कर रही है।
- चिंताएँ:
- दक्षिण कोरिया को डर है कि जल छोड़े जाने से उसका जल, नमक और समुद्री भोजन प्रदूषित हो जाएगा, जिससे मत्स्यन और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभावित होगा।
- दक्षिण कोरिया में नमक की बढ़ती मांग का कारण लगभग 27% मूल्य वृद्धि, भंडारण के साथ-साथ मौसम और कम उत्पादन जैसे बाह्य कारकों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है।
- चीन ने भी जापान की योजना की आलोचना की है, इसकी पारदर्शिता पर सवाल उठाया है और समुद्री पर्यावरण तथा वैश्विक स्वास्थ्य पर संभावित प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है।
विश्व की अन्य प्रमुख परमाणु आपदाएँ:
- चेर्नोबिल आपदा (वर्ष 1986): सबसे प्रमुख और गंभीर परमाणु आपदाओं में से एक, चेर्नोबिल आपदा यूक्रेन के चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में देखी गई थी।
- सुरक्षा परीक्षण के दौरान अचानक विद्युत क्षमता बढ़ने से विस्फोटों और अग्नि की एक शृंखला बन गई, जिससे रिएक्टर कोर नष्ट हो गया तथा बड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी सामग्री वायुमंडल में फैल गई।
- थ्री माइल आइलैंड दुर्घटना (वर्ष 1979): यह दुर्घटना संयुक्त राज्य अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में थ्री माइल आइलैंड न्यूक्लियर जनरेटिंग स्टेशन पर हुई। इसमें रिएक्टर के कोर के आंशिक रूप से पिघलने के परिणामस्वरूप रेडियोधर्मी गैसों का रिसाव हुआ।
- किश्तिम आपदा (वर्ष 1957): यह सोवियत संघ (अब रूस) में मयाक प्रोडक्शन एसोसिएशन में घटित हुई थी।
- इसमें एक परमाणु अपशिष्ट संग्रहण टैंक में विस्फोट के कारण के कारण पर्यावरण में रेडियोधर्मी सामग्री का रिसाव हो गया था।
परमाणु ऊर्जा संयंत्र:
- परमाणु ऊर्जा संयंत्र, एक प्रकार के विद्युत संयंत्र हैं जो विद्युत उत्पन्न करने के लिये परमाणु विखंडन की प्रक्रिया का उपयोग करते हैं।
- परमाणु विखंडन में परमाणु विभाजित होकर छोटे परमाणु बनाते हैं, जिससे ऊर्जा विमुक्त होती है।
- परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रिएक्टर के भीतर विखंडन होता है। रिएक्टर के केंद्र में यूरेनियम ईंधन होता है।
- परमाणु विखंडन में परमाणु विभाजित होकर छोटे परमाणु बनाते हैं, जिससे ऊर्जा विमुक्त होती है।
- रिएक्टर कोर में परमाणु विखंडन के दौरान उत्पन्न गर्मी का उपयोग पानी को भाप में बदलने के लिये किया जाता है, यह भाप टरबाइन के ब्लेड को परिवर्तित देता है।
- जैसे ही टरबाइन के ब्लेड मुड़ते हैं, वे जनरेटर को चालू कर देते हैं जिससे विद्युत उत्पन्न होती है।
- परमाणु संयंत्र भाप को ठंडा करके विद्युत संयंत्र में एक अलग संरचना में जल को परिवर्तित कर देते हैं जिसे कूलिंग टॉवर कहा जाता है, या वे तालाबों, नदियों या समुद्र के जल का उपयोग करते हैं।
- फिर ठंडे जल को भाप बनाने के लिये पुन: उपयोग किया जाता है।